भगवान से प्रार्थना करना क्या आवश्यक है? ---
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भगवान तो हमारे हृदय में हैं। विचारों के उदय होने से पूर्व ही उन्हें पता होता है कि हम क्या सोचने वाले हैं। अतः क्या प्रार्थना करना आवश्यक है?
उपरोक्त प्रश्न का उत्तर मेरे पास नहीं है। फिर भी आज भगवान से दो प्रार्थनाएँ हैं -
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(२) जिन भी नकारात्मक परिस्थितियों में भगवान ने मुझे रखा है, उनकी नकारात्मकता से प्रेमाग्नि की प्रज्ज्वलित आभा कम न हो। किसी भी तरह की कामना/आकांक्षा का अंतःकरण में जन्म ही न हो।
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मुझे अन्य कुछ भी नहीं चाहिए। मुझमें हिमालय से भी बड़ी-बड़ी लाखों कमियाँ हैं, जिन्हें मैं कभी दूर नहीं कर सकता। किसी भी तरह के रूप-गुण का सौंदर्य मुझमें नहीं है। अपना सर्वस्व यथावत् उन्हें समर्पित है। वे मुझे मेरे सभी अवगुणों के साथ स्वीकार करें। कोई गुण भूलवश यदि मुझमें हो तो उसे भी वे स्वीकार करें।
ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
१3 मार्च २०२४
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