हमारा लक्ष्य परमात्मा है। उन्हीं की उपासना करें। सारा मार्गदर्शन उपनिषदों व गीता में है। उनको पाने की पात्रता विकसित करें। पात्रता होने पर परमात्मा स्वयं आयेंगे। उनको पाने का कोई लघुमार्ग (Short Cut) नहीं है। परमात्मा से कम किसी भी उपलब्धि के लिए समय नष्ट न करें। हमारे में चाहे लाख कमियाँ हों, वे भी उन्हें ही समर्पित कर दें। अपने हृदय का सर्वश्रेष्ठ प्रेम उन्हें दें। वे कहीं दूर नहीं हैं, निकटतम से भी अधिक निकट हैं। हमारा लक्ष्य सदा हमारे समक्ष रहे।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१२ मार्च २०२२
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