शुभ काम में देरी नहीं| जो कल करना है सो आज करो, और जो आज करना है वह अभी करो| सर्वाधिक शुभ कार्य है ..... भक्तिपूर्वक परमात्मा का ध्यान, जिसे आगे पर ना टालें| भगवान की अपार कृपा बरस रही है| भगवान अपनी परम कृपा लूटा रहे हैं| दोनों हाथों से खूब लूट लो, अन्यथा बाद में पछताना होगा| कोई कहता है कि हमारा समय नहीं आया है, उनका समय कभी नहीं आएगा| किसी ने पूछा कि संसार में उलझे हुए हैं, भगवान के लिए फुर्सत कैसे निकालें? उनके लिए हमारा उत्तर है .....
जब हम साइकिल चलाते हैं तब पैडल भी मारते हैं, हेंडल भी पकड़ते हैं, ब्रेक पर अंगुली भी रखते है, सामने भी देखते हैं, और यह भी याद रखते हैं कि कहाँ जाना है| इतने सारे काम एक साथ करने पड़ते हैं अन्यथा हम साइकिल नहीं चला पाएंगे| वैसे ही यह संसार भी चल रहा है| संसार में इस देह रूपी मोटर साइकिल को भी चलाओ पर याद रखो कि जाना कहाँ है|
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