Sunday, 12 November 2017

कठोरतम ह्रदय में भी परम प्रेम के पुष्प पल्लवित होते हैं .....

कठोरतम ह्रदय में भी परम प्रेम के पुष्प पल्लवित होते हैं .....
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शुष्क से शुष्क मरूभूमि में और पथरीली चट्टान पर भी सुन्दर पुष्पों को उगते, खिलते और महकते हुए मैनें देखा है| गंदे पानी में भी अनायास गुलाब के फूलों को अपनी सुगंध बिखेरते हुए मैनें देखा है|

मेरी दृष्टी में हम सब के नीरस और अति कठोर ह्रदय की बंजर भूमि में भी भक्ति रुपी सुन्दर सुगन्धित पुष्प खिल रहे हैं और उनकी महक हमारे ह्रदय से सभी हृदयों में व्याप्त हो रही है|

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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