Monday, 23 June 2025

अंतःस्फोट (Implosion) से पाँच अरबपतियों की मूर्खतापूर्ण दुःखद मृत्यु ---

 अंतःस्फोट (Implosion) से पाँच अरबपतियों की मूर्खतापूर्ण दुःखद मृत्यु ---

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समुद्र की गहराइयों में जब नीचे उतरते हैं तो प्रति १० मीटर की गहराई पर "१ किलोग्राम सेंटीमीटर स्क्वेयर" दबाव बढ़ जाता है। फिर सूर्य की किरणें भी इससे अधिक नीचे नहीं जा सकतीं। नीचे अंधकार ही अंधकार और भयंकर ठंड होती है। ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च कर, निज प्राणों को संकट में डाल कर, लगभग 4 किलोमीटर नीचे डूबे हुए "टाइटेनिक" नाम के जहाज के मलबे को देखने जाना कोई Adventure नहीं, बल्कि मूर्खता का काम Misadventure ही है।
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दशकों पूर्व नेशनल ज्योग्राफिक संस्था ने रोबॉट्स भेजकर बहुत स्पष्ट और शानदार चित्र टाइटेनिक के मलवे के लिए थे जो उनकी पत्रिका में भी छपे थे। वे चित्र मैंने भी दशकों तक संभाल कर रखे थे। अब पता नहीं कहाँ गये।
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युद्ध में काम आने वाली पण्डुब्बियों का Pressure Hull अधिक से अधिक ५०० मीटर तक की गहराई तक जाने योग्य ही बनाया जाता है। इससे नीचे पनडुब्बियाँ नहीं जातीं, अन्यथा पानी के दबाव से अंतःस्फोट हो जाएगा और पनडुब्बी तो डूबेगी ही, सारे लोग भी मर जाएँगे। लेकिन यह एक विशेष पनडुब्बी थी जो चार किलोमीटर की गहराई तक जा सकती थी। इसमें विशेष उपकरणों की सहायता से कुछ मलवा दिखा कर बापस ले आते।
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किसी भी विस्फोट में जब मलवा बाहर की ओर जाता है, उसे Explosion कहते हैं। जब मलवा भीतर की ओर आता है उसे Implosion कहते हैं। यह विशेष यात्री पनडुब्बी, पानी के दबाव से Implode हुई और चारों अरबपति यात्री और पनडुब्बी का मालिक जो कप्तान और गाइड भी था, मारे गये। यह उनकी कर्मानुसार गति थी।
२३ जून २०२३

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