Wednesday, 28 May 2025

सन २०१६ में उज्जैन में हुआ सिंहस्थ कुम्भ

२०१६ में उज्जैन में हुआ सिंहस्थ कुम्भ हर दृष्टी से अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक था| इतनी शानदार और भव्य व्यवस्था आज तक किसी भी कुम्भ के ज्ञात इतिहास में नहीं हुई|
४५ डिग्री सेल्सियस का तापमान, भयंकर गर्मी व तेज धूप में मीलों दूर से पैदल चल कर आये श्रद्धालू, सबका लक्ष्य एक ही था .... क्षिप्रा में स्नान |
स्नान के समय अलौकिक अनुभूति और सब के चेहरों पर दिव्य प्रसन्नता और मुस्कान !
विदेशियों को यह देखकर घोर आश्चर्य हो रहा था कि भारत के लोग इतने प्रसन्न क्यों हैं| जिस खुशी के लिए वे विदेशी लाखों डॉलर खर्च कर के पूरी दुनिया में घूमते हैं, उससे अधिक खुशी तो भारतीयों को एक नदी में इस अवसर पर स्नान कर के ही मिल रही थी|
सफाई की इतनी कुशल व्यवस्था आज तक किसी भी मेले में नहीं देखी गयी| क़ानून-व्यवस्था, भीड़ पर नियंत्रण, सुरक्षा कर्मियों का सदव्यवहार, पीने के स्वच्छ जल की व्यवस्था, नदी में स्वच्छ जल, घाटों पर जीवन रक्षकों व मेडिकल कर्मचारियों की सजगता, सभी प्रशंसनीय और अभूतपूर्व थे|
व्यक्तिगत रूप से मुझे भी इतनी भयंकर गर्मी और भीड़ के पश्चात भी अति दिव्य अनुभूतियाँ हुईं, अनेक दिव्यात्माओं से मिलने का भी अवसर मिला| मैं भी सभी की तरह अति धन्य हूँ जिन्होंने इस कुम्भ में स्नान किया|
धन्य है श्रद्धालुओं की आस्था ! मध्यप्रदेश सरकार को भी धन्यवाद !
जय महाकाल ! ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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(पुनश्च: --- दण्डी स्वामी मृगेंद्र सरस्वती महाराज की जय हो, जो कृपा कर के मुझे भी अपने साथ कुम्भ मेले में ले गये। वहाँ मेरे सपरिवार निवास, भोजन आदि की सारी व्यवस्था उनके शिष्यों ने की।)
२९ मई २०१६

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