Monday, 17 March 2025

हमें भगवान की प्राप्ति नहीं होती, इसमें कोई दोष हमारा नहीं, सारा दोष भगवान का है ---

हमें भगवान की प्राप्ति नहीं होती, इसमें कोई दोष हमारा नहीं, सारा दोष भगवान का है| वे जो विलंब कर रहे हैं, इसके लिए उन्हें पछताना पड़ेगा| हमारा दोष इतना ही है कि -- हमें उन से प्रेम है, और उनके सिवाय हमें अन्य कुछ भी अच्छा नहीं लगता|

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वे सब नियमों, शास्त्रों, उपासनाओं और बंधनों से परे हैं| कोई बंधन उन पर लागू नहीं होता| उन की मर्जी, जितना चाहें वे तड़पा लें, हम तो उन्हीं के हैं, और उन्हीं के रहेंगे| वे आज आयें या कल, इस से कोई फर्क नहीं पड़ता| आना तो उन्हें पड़ेगा ही| अब वे और नहीं छिप सकते| अपने सारे गुण/दोष और पाप/पुण्य -- हम बापस उन्हें ही अर्पित करते हैं| उनके सिवाय हमें अन्य कुछ भी नहीं चाहिए| इस अति दारुण विलंब के लिए वे स्वयं ही दोषी हैं|
ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!
१७ मार्च २०२१

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