Wednesday, 20 November 2024

'अपवर्ग' शब्द का क्या अर्थ होता है?

 'अपवर्ग' शब्द का क्या अर्थ होता है?

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प, फ, ब, भ, म, --- को पवर्ग कहते हैं। रामचरितमानस के सुंदर कांड में लिखा है --
"तात स्वर्ग अपबर्ग सुख धरिअ तुला एक अंग।
तूल न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसंग॥"
इसका भावार्थ है कि हे तात! स्वर्ग और अपवर्ग के सब सुखों को तराजू के एक पलड़े में रखा जाए, तो भी वे सब मिलकर (दूसरे पलड़े पर रखे हुए) उस सुख के बराबर नहीं हो सकते, जो लव (क्षण) मात्र के सत्संग से होता है।
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पवर्ग होते हैं -- प, फ, ब, भ, म. जिनका अर्थ होता है :--
प - पतन, फ- फल आशा, ब- बंधन, भ - भय, म - मृत्यु.
जहाँ पतन, फल आशा, बंधन, भय, मृत्यु नहीं है, वही अपवर्ग सुख है, जो शिवकृपा का फल है। 'अपवर्ग' का शाब्दिक अर्थ है ..... मोक्ष या मुक्ति।
कांची कामकोटि पीठ के दंडी स्वामी मृगेंद्र सरस्वती के अनुसार निवृत्ति ही अपवर्ग है, यानि दुःख की उत्पत्ति के कारण का अभाव ही आत्यंतिक दु:खनिवृत्ति है।
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
२० नवम्बर २०१९

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