Wednesday, 19 February 2020

मुझे मेरे धर्म, संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्र पर अभिमान है ....

मुझे मेरे धर्म, संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्र पर अभिमान है| मेरे परम आदर्श भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण हैं| भगवद्गीता में जिस ब्राह्मी-चेतना, कूटस्थ-चैतन्य, अनन्य-अव्यभिचारिणी भक्ति, व समर्पण आदि की बातें कही गई हैं, वे ही मुझे प्रभावित करती हैं| मेरी चेतना में ऊँची से ऊँची कल्पना और सर्वोच्च व सर्वश्रेष्ठ भाव 'परमशिव' का है, वह ही इस जीवन में पूर्णरूपेण व्यक्त हो, यही मेरा संकल्प और साधना है| मैं और मेरे आराध्य, एक हैं, कहीं कोई भेद नहीं है| उनसे विमुखता ही मृत्यु है, और सम्मुखता ही जीवन| और लिखने को कुछ भी नहीं है|
परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति आप सब को सादर नमन| आप सब का आशीर्वाद बना रहे| ॐ तत्सत् ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
१३ फरवरी २०२०

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