लोगों को मुफ्तखोर मत बनाइये अन्यथा देश नष्ट हो जाएगा :----
महाभारत के शांतिपर्व में राजधर्म समझाया गया है| वहाँ यह स्पष्ट लिखा है कि आपत्तिकाल को छोड़कर किसी को कुछ भी निःशुल्क नहीं दिया जाए, अन्यथा यह देश नष्ट हो जायेगा|
मनुस्मृति में भी यह स्पष्ट लिखा है की आपत्तिकाल को छोड़कर किसी को किसी से कुछ भी नहीं मांगना चाहिए|
प्राचीन भारत में ऐसी व्यवस्था नहीं होती तो आज तक सब लोग भीख मांग कर ही गुजारा कर रहे होते|
भारत को दिनों दिन गरीब, अकर्मण्य बनाया जा रहा है| अपनी प्राचीन संस्कृति के कारण ही भारत बचा हुआ है जिसे आज के तथाकथित बुद्धिजीवी रोज गाली देते हैं|
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