दिल्ली अब रहने योग्य नगर नहीं रहा है | पर जिनकी आजीविका वहीं है वे तो
दिल्ली में ही रहेंगे | दिल्ली के चारों ओर नीम, पीपल, बड़ जैसे वातावरण को
शुद्ध करने वाले वृक्षों की अति सघन वृक्षावली लगानी चाहिए | नगर के भीतर
जहाँ भी संभव हो वहाँ नीम व पीपल जैसे वृक्षों को लगाना चाहिए | हर परिवार
को अपने घरों में तुलसी के पौधे खूब लगाने चाहिएँ | निजी वाहनों का प्रयोग
कम से कम हो और सार्वजनिक वाहनों का अधिक से अधिक | सरकारी भूमि पर जहाँ
खूब दिखावटी दूब और सजावटी बगीचे लगे हैं, के स्थान पर वातावरण को शुद्ध
करने वाले वृक्ष लगाए जाएँ | धीरे धीरे युक्लिप्टस और गुलमोहर जैसे वृक्षों
को हटा दिया जाए, और उनके स्थान पर नीम के पेड़ लगाए जायें | मंत्रियों और
सांसदों के घरों में पीपल और नीम के सारे पेड़ कटवा दिए गए थे, उन्हें बापस
लगाया जाए | तभी दिल्ली प्रदूषण मुक्त होगी, अन्यथा दिल्ली में सारे वाहन
बंद कर सिर्फ तांगे चलाने पड़ेंगे |
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