Wednesday, 5 November 2025

परमात्मा की सबसे बड़ी कृपा --- .

 परमात्मा की सबसे बड़ी कृपा ---

.
परमात्मा की सबसे बड़ी कृपा हमारे ऊपर यह है कि उन्होंने स्वयं को पाने का मार्ग हमें बता दिया है। यदि फिर भी हम परमात्मा को प्राप्त नहीं करते तो हमारे से बड़ा अभागा और कोई नहीं है। सारे उपनिषदों को देख लीजिए, और श्रीमद्भगवद्गीता को देख लीजिए, उनमें यही बात बार बार समझाई गई है।
.
जो परमात्मा के मार्ग के पथिक हैं, मैं उनके साथ एक हूँ। आप मुझे परमात्मा में अपने साथ एक पाओगे। परमात्मा की प्राप्ति ही सबसे बड़ी सेवा है जो हम समष्टि के लिए कर सकते हैं। यह हमारा प्रथम, अंतिम और एकमात्र कर्तव्य है। आपने निज जीवन में परमात्मा का साक्षात्कार कर लिया है तो आप इस पृथ्वी पर चलते-फिरते देवता हो। जहाँ भी आपके पैर पड़ते हैं, वह भूमि पवित्र हो जाती है। जिस पर आपकी दृष्टि पड़ती है, या जिसकी भी दृष्टि आप पर पड़ती है, वह निहाल हो जाता है। देवता और पितृगण आपको देखकर प्रसन्न होकर नृत्य करने लगते हैं। आपकी उपस्थिति ही इस सृष्टि के लिए वरदान हो जाती है।
.
मैं कोई बड़ी बड़ी बातें नहीं कर रहा। यह वास्तविकता है। अपने दिन का आरंभ भगवान के ध्यान से करें, और दिवस का समापन भी भगवान के ध्यान से करें। हर समय उन्हें अपनी स्मृति में रखें। शास्त्रों के प्रमाण में अनेक बार दे चुका हूँ। बार बार उन्हें उद्धृत करना ठीक नहीं होगा। भगवान को अपने जीवन का कर्ता, भोक्ता और जीवन का केंद्र बिन्दु बनाएँ।
.
सभी को मंगलमय शुभ कामनाएँ और नमन !!
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
५ नवंबर २०२३

No comments:

Post a Comment