Tuesday, 12 November 2024

भगवान से प्रेरणा मिलेगी तभी कुछ लिखूंगा, अपनी स्वतंत्र इच्छा से कुछ भी नहीं ---

 

🌹💐🙏🕉️🕉️🕉️🙏💐🌹
आज का दिन मेरे लिए एक Turning point है, जीवन को एक नई दिशा मिल रही है। सभी से क्षमायाचना करता हूँ कि जाने/अनजाने में मुझसे कभी भी कोई प्रज्ञापराध जाने-अनजाने में आपके प्रति हुआ है, तो मुझे क्षमा प्रदान करें। मुझे अपना आशीर्वाद भी दें कि मेरा अन्तःकरण (मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार) निरंतर परमब्रह्म परमात्मा में ही स्थित रहे।
.
पहले मैं प्रयासपूर्वक निरंतर ब्रह्मचिंतन करता था, अब तो वह मेरा स्वभाव बन गया है। चेतना निरंतर स्वतः ही हर समय ब्रह्ममय रहती है। ध्यान-साधना में मैं कभी अकेला नहीं होता, सारी सृष्टि, सारा ब्रह्मांड, स्वयं परमात्मा ही मेरे साथ साथ अपना ध्यान मुझे माध्यम बना कर करते हैं। कर्ता वे ही होते हैं। मुझे ही कई बार कर्ता होने का भ्रम हो जाता है, जो गलत है।
.
Facebook और WhatsApp पर Low Profile रखूँगा, यानि उन पर आने का प्रयास तो नित्य करूंगा, लेकिन नियमित नहीं रहूँगा। कहीं भी घूमने-फिरने की मेरी भौतिक शक्ति भी क्षीण हो गयी है, अतः अति आवश्यक होने पर ही कहीं जाऊंगा। वैसे मैं जहां भी हूँ, वहीं स्वयं परमात्मा हैं, वहीं सारे तीर्थ और महान आत्माएँ हैं।
उपनिषदों में और श्रीमद्भगवद्गीता में ब्रह्मज्ञान भरा पड़ा है, आवश्यकता है हरिःकृपा से उसे समझने की। जिसे प्यास लगी है वही पानी पीयेगा। चिंतन, मनन, निदिध्यासन, जप, और ध्यान-साधना तो स्वयं को ही करनी होगी। कोई दूसरा आपके लिए नहीं करेगा।
.
भगवान से प्रेरणा मिलेगी तभी कुछ लिखूंगा, अपनी स्वतंत्र इच्छा से कुछ भी नहीं। भगवान की विशेष परम कृपा आप सब पर बनी रहे। WhatsApp पर इस message के बाद Broadcast mode भी अस्थायी रूप से बंद कर रहा हूँ।
देवउठनी एकादशी की भी शुभ कामनाएँ॥ शेष कुशल॥ ॐ तत्सत्॥
कृपा शंकर
१२ नवंबर २०२४

No comments:

Post a Comment