अंत काल में भगवान का स्मरण .....
इस देह के अंतकाल के समय जैसे विचार होते हैं वैसा ही अगला जन्म होता है| अंतकाल में भगवान का स्मरण करने वाले भगवान को प्राप्त होते है| जिसने जीवन भर भगवान का स्मरण किया है, उसी को अंत समय में भगवान की स्मृति होती है, अन्यों को नहीं| अंतकाल में स्मरण उसी का होता है जिसको जीवन में सबसे अधिक याद किया हो|
शास्त्रों के अनुसार अंतिम समय बड़ा भयंकर होता है| सूक्ष्म देह की मृत्यु तो होती नहीं है लेकिन पीड़ा उतनी ही होती है जितनी भौतिक देह को होती है| जिन कुटिल लोगों ने दूसरों को खूब ठगा है, पराये धन को छीना है, अन्याय और अत्याचार किये हैं, उनकी बहुत बुरी गति होती है| बहुत अधिक कष्ट उन्हें भोगने पड़ते हैं|
अपने जीवन काल में मुक्त वही है जो सब कामनाओं, यहाँ तक कि मोक्ष यानि मुक्ति की कामना से भी मुक्त है व इस देह की चेतना से ऊपर उठ चुका है| सब से अच्छी साधना वह है जो मनुष्य को इस देह की चेतना से मुक्त करा दे|
कई बाते हैं जिन्हें मैं लिखना नहीं चाहता क्योंकि उनकी प्रतिक्रिया अच्छी नहीं होती| लोग मुंह पर तो वाह वाह करते हैं लेकिन पीठ पीछे बहुत ही अभद्र शब्दों का प्रयोग कर के अपनी दुर्भावनाओं को व्यक्त करते हैं| फेसबुक पर मैं अपना समय ही नष्ट कर रहा हूँ| जितना समय यहाँ दे रहा हूँ उतने समय मुझे परमात्मा का ध्यान करना चाहिए|
अंतिम बात जो मैं सार रूप में कहना चाहूँगा वह यह है कि हम इस देहभाव को छोड़कर ब्रह्मरूप को प्राप्त हों| जिसमे यह जानने की पात्रता होगी उसे निश्चित मार्गदर्शन मिलेगा| मुझे तो किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है| सबके अपने अपने कर्म हैं, अपना अपना प्रारब्ध है| सभी को नमन!
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
१० जनवरी २०१८
१० जनवरी २०१८
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