Wednesday, 10 January 2018

अंत काल में भगवान का स्मरण .....

अंत काल में भगवान का स्मरण .....

इस देह के अंतकाल के समय जैसे विचार होते हैं वैसा ही अगला जन्म होता है| अंतकाल में भगवान का स्मरण करने वाले भगवान को प्राप्त होते है| जिसने जीवन भर भगवान का स्मरण किया है, उसी को अंत समय में भगवान की स्मृति होती है, अन्यों को नहीं| अंतकाल में स्मरण उसी का होता है जिसको जीवन में सबसे अधिक याद किया हो|

शास्त्रों के अनुसार अंतिम समय बड़ा भयंकर होता है| सूक्ष्म देह की मृत्यु तो होती नहीं है लेकिन पीड़ा उतनी ही होती है जितनी भौतिक देह को होती है| जिन कुटिल लोगों ने दूसरों को खूब ठगा है, पराये धन को छीना है, अन्याय और अत्याचार किये हैं, उनकी बहुत बुरी गति होती है| बहुत अधिक कष्ट उन्हें भोगने पड़ते हैं|

अपने जीवन काल में मुक्त वही है जो सब कामनाओं, यहाँ तक कि मोक्ष यानि मुक्ति की कामना से भी मुक्त है व इस देह की चेतना से ऊपर उठ चुका है| सब से अच्छी साधना वह है जो मनुष्य को इस देह की चेतना से मुक्त करा दे|

कई बाते हैं जिन्हें मैं लिखना नहीं चाहता क्योंकि उनकी प्रतिक्रिया अच्छी नहीं होती| लोग मुंह पर तो वाह वाह करते हैं लेकिन पीठ पीछे बहुत ही अभद्र शब्दों का प्रयोग कर के अपनी दुर्भावनाओं को व्यक्त करते हैं| फेसबुक पर मैं अपना समय ही नष्ट कर रहा हूँ| जितना समय यहाँ दे रहा हूँ उतने समय मुझे परमात्मा का ध्यान करना चाहिए|

अंतिम बात जो मैं सार रूप में कहना चाहूँगा वह यह है कि हम इस देहभाव को छोड़कर ब्रह्मरूप को प्राप्त हों| जिसमे यह जानने की पात्रता होगी उसे निश्चित मार्गदर्शन मिलेगा| मुझे तो किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है| सबके अपने अपने कर्म हैं, अपना अपना प्रारब्ध है| सभी को नमन!

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
१० जनवरी २०१८

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