सुख पदार्थों में नहीं है .....
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हम चाहे जितने पदार्थों का संग्रह कर लें, कितना भी परिग्रह कर लें, पर अन्ततः आवश्यकता से अधिक सारे पदार्थ दुःखदायी हो जाते हैं | ऐसे ही सारे बाह्य विषय भी दुःखदायी हैं | यह प्रकृति का नियम है | सुख पदार्थों में नहीं है | प्रत्येक पदार्थ अंत में दुःख ही देता है |
बाह्य विषयों से ध्यान प्रयासपूर्वक हटाकर परमात्मा में लगा देना ही आनंददायी हैं | बाहर के सभी पदार्थ नश्वर हैं | सिर्फ परमात्मा से प्राप्त आनंद ही शाश्वत है |
प्रयास तो कर के देखें | चित्त को एकाग्र कर के परमात्मा में एक बार लगा कर के तो देखें | इस संसार में इतने सारे निरर्थक कार्य करते हैं, उनके स्थान पर एक बार परमात्मा का चिंतन भी कर के देखें | अपना अनुभव स्वयं लें |
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२८ अगस्त २०१७
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हम चाहे जितने पदार्थों का संग्रह कर लें, कितना भी परिग्रह कर लें, पर अन्ततः आवश्यकता से अधिक सारे पदार्थ दुःखदायी हो जाते हैं | ऐसे ही सारे बाह्य विषय भी दुःखदायी हैं | यह प्रकृति का नियम है | सुख पदार्थों में नहीं है | प्रत्येक पदार्थ अंत में दुःख ही देता है |
बाह्य विषयों से ध्यान प्रयासपूर्वक हटाकर परमात्मा में लगा देना ही आनंददायी हैं | बाहर के सभी पदार्थ नश्वर हैं | सिर्फ परमात्मा से प्राप्त आनंद ही शाश्वत है |
प्रयास तो कर के देखें | चित्त को एकाग्र कर के परमात्मा में एक बार लगा कर के तो देखें | इस संसार में इतने सारे निरर्थक कार्य करते हैं, उनके स्थान पर एक बार परमात्मा का चिंतन भी कर के देखें | अपना अनुभव स्वयं लें |
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२८ अगस्त २०१७
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