कोई भी आध्यात्मिक साधना हो, उसमें "सत्यनिष्ठा" और "श्रद्धा" से ही सफलता मिलती है। बिना सत्यनिष्ठा और श्रद्धा के कुछ भी नहीं मिलता, चाहे कितने भी जप-तप और अनुष्ठान कर लो। आने वाले कल से आरंभ होने वाले भारतीय नववर्ष (संवत्सर/वर्ष प्रतिपदा) और नवरात्र घट-स्थापना की मंगलमय शुभ कामनायें।
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आज मंगलवार २१ मार्च को सूर्य पृथ्वी की भूमध्य रेखा पर था जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में भारत में महाबसंत विषुव (Equinox) है, जिसका अर्थ -- दिन और रात की अवधि लगभग बराबर रहती है। पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुके हुए, सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है। वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर होता है, और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या Equinox कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है।
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भारतीय नव वर्ष और चैत्र नवरात्र कल २२ मार्च २०२३ से आरंभ हो रहे हैं।
घट-स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त आप अपने स्थानीय पारिवारिक पंडित जी से पूछ सकते हैं। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। अनेक श्रद्धालु इस दिन भगवान श्रीराम और हनुमान जी की आराधना भी करते हैं।
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जहां तक मेरा प्रश्न है, जगन्माता अपने जिस भी रूप की साधना करवा देगी, वही ठीक है। मेरी कोई आकांक्षा नहीं है।
कृपा शंकर
21 मार्च 2023
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