Thursday, 11 January 2018

मैं और मेरे प्रभु एक हैं, कहीं कोई भेद नहीं है .....

मैं और मेरे प्रभु एक हैं, कहीं कोई भेद नहीं है .....
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मुझे कहीं भी इधर उधर खोजने, किसी के पीछे पीछे भागने, किसी से कुछ भी माँगने या कोई अपेक्षा या कामना आदि करने से प्रभु ने अपनी परम कृपा कर के अब मुक्त कर दिया है|
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सारी खोज का अंत हो गया है| अब खोजने के लिए और कुछ भी नहीं बचा है| सिर्फ आत्मतत्व में गहराई से स्थित होना है, जिसे प्रभु स्वयं कर रहे हैं| कोई संशय या कोई शंका नहीं है| जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरे प्रभु है, मेरे साथ एक हैं|
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जिसे मैं खोज रहा था वह तो मेरा स्वयं का अस्तित्व था जो सदा मेरे साथ एक है| सारे प्रश्न और सारे उत्तर अब असंगत हो गए हैं|
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हे परमप्रिय प्रभु, सिर्फ तुम हो, सिर्फ तुम हो और बस तुम ही तुम हो, और कोई नहीं है| तुम और मैं सदा एक हैं| मैं तुम्हारी पूर्णता हूँ|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
१० जनवरी २०१८

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