Monday, 1 January 2018

दोष समर्थवान लोगों का अधिक है ....

३१ दिसंबर २०१७ 
समाज के युवा यदि पथभ्रष्ट होते हैं तो दोष उन समर्थवान लोगों का भी है जो उन्हें मार्ग नहीं दिखाते | मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि हमारे समाज में कुछ ऐसे समर्थवान लोग भी हैं जो दूसरों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं | आज ईसाई ग्रेगोरियन नव वर्ष का प्रारम्भ होने वाला है | युवा वर्ग टीवी पर फूहड़ नाटक या नाच-गाने देखते या कहीं बैठकर शराब पीते आदि, पर उन्हें एक विकल्प भी देने का कुछ समर्थवान लोगों ने प्रयास किया है .... भजन-कीर्तन आदि के धार्मिक कार्यक्रमों को आयोजित कर | चाहे संख्या में कम लोगों को ही सही पर अनेक लोगों को इस से लाभ हुआ है | मेरी सभी बुजुर्गों से प्रार्थना है कि वे स्वयं अपना आदर्श अपने से छोटों के समक्ष रखें, स्वयं को कुसंगति से बचाएँ और अपने से छोटों को भी बचाएँ | भगवान हम सब पर कृपा करें |
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१ जनवरी २०१८ 
फूहड़ अंग्रेजी संस्कृति के विकल्प के रूप में कल ३१ दिसंबर को झुंझुनूं नगर में व आसपास के सभी कस्बों में ...
(१) छः हजार से अधिक लोगों को अनेक सामाजिक संगठनों द्वारा निःशुल्क दूध पिलाकर शराब छोड़ने की प्रतिज्ञा करवाई गयी |
(२) अनेक मंदिरों में खूब भजन-कीर्तन हुए, और पौषबड़ा का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा गया |
(३) विदेशी पर्यटकों से भरे होटलों में फूहड़ अंग्रेजी नाच-गानों के स्थान मांड गायकों द्वारा गायन, व राजस्थानी वेशभूषा में लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किये गए | "राम-राम सा" कहकर एक दूसरे का अभिवादन किया गया |
(४) जरूरतमंदों को सहायता दी गयी | सैंकड़ों जरूरतमंदों को निःशुल्क रजाइयां व कम्बल बाँटे गए | गरीब विद्यार्थियों को निःशुल्क गर्म कपडे बाँटे गए | गरीब महिलाओं को निःशुल्क सिलाई मशीनें दी गईं | गरीबों को भोजन करवाया गया |
(चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय नववर्ष पर तो अनेक भव्य कार्यक्रम होते ही हैं).

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