आज चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव है| एक दीपक जलाकर घर के सभी सदस्य मिलकर एक साथ बैठकर भक्तिभाव से हनुमान चालीसा व सुंदर कांड का पाठ करें| फिर भगवान का ध्यान करें| सभी श्रद्धालुओं को अभिनंदन बधाई और नमन!!
Monday, 7 April 2025
आज चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव है ---
कोलंबस और वास्कोडीगामा का सत्य ---
कोलंबस और वास्कोडीगामा का सत्य ---
मेरे द्वारा आध्यात्मिक प्रेरणादायक लेख लिखने का उद्देश्य अब पूर्ण हो चुका है ---
अब से बाकी बचे अत्यल्प जीवन के प्रत्येक मौन क्षण में परमात्मा की पूर्ण अभिव्यक्ति हो, यही प्रार्थना है। हर आती-जाती साँस परमात्मा की साँस हो, जीवन का हर क्षण, हर स्पंदन, हर विचार परमात्मा को ही समर्पित हो। जीवन में ईश्वर के सिवाय अन्य कुछ भी न हो।
भगवान को उपलब्ध होना हमारा स्वधर्म और जन्मसिद्ध अधिकार है ---
भगवान को उपलब्ध होना हमारा स्वधर्म और जन्मसिद्ध अधिकार है ---
इष्टदेव ही दुःखों को दूर कर सकते हैं ---
इष्टदेव ही दुःखों को दूर कर सकते हैं ---
Saturday, 5 April 2025
कृष्ण मृग यानी काले हिरण को प्राचीन भारत में पवित्र माना गया था ---
कृष्ण मृग यानी काले हिरण को प्राचीन भारत में पवित्र माना गया था| प्राचीन भारत में कृष्ण मृग निर्भय होकर घुमते थे, उनका शिकार प्रतिबंधित था| मनुस्मृति में कहा गया है कि जितनी भूमि पर स्वतन्त्रतापूर्वक घूमता हुआ कृष्ण मृग मिले वह यज्ञ की पुण्यभूमि है|
जीवात्मा जब परमात्मा से लिपटी रहती है, तब वह भी परमात्मा से एकाकार होकर उसी ऊँचाई तक पहुँच जाती है ---
सन २००१ की बात है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के कच्छल द्वीप पर एक अति विशाल और बहुत ही ऊँचे वृक्ष को देखा, जिस पर एक लता भी चढ़ी हुई थी| वृक्ष की जितनी ऊँचाई थी, लिपटते-लिपटते वहीं तक वह लता भी पहुँच गई थी| जीवन में पहली बार ऐसे उस दृश्य को देखकर परमात्मा और जीवात्मा की याद आ गई, और एक भाव-समाधि लग गई| वह बड़ा ही शानदार दृश्य था जहाँ मुझे परमात्मा की अनुभूति हुई| प्रभु को समर्पित होने से बड़ी कोई उपलब्धी नहीं है|
.
जीवात्मा जब परमात्मा से लिपटी रहती है, तब वह भी परमात्मा से एकाकार होकर उसी ऊँचाई तक पहुँच जाती है| परमात्मा को हम कितना भी भुलायें, पर वे हमें कभी भी नहीं भूलते| सदा याद करते ही रहते हैं| उन्हें भूलने का प्रयास भी करते हैं तो वे और भी अधिक याद आते हैं| वास्तव में वे स्वयं ही हमें याद करते हैं| कभी याद न आए तो मान लेना कि --
"हम में ही न थी कोई बात, याद न तुम को आ सके."
.
ॐ तत्सत् ||
कृपा शंकर
6 अप्रेल 2022
खुद की कमी दूर करने का प्रयास हम करें, और भगवान पर दोष न डालें ---
आत्म-विश्लेषण --- सत्य तो यह है कि अपनी कमियों को तो हम दूर नहीं कर पाते, और सारा दोष भगवान को दे रहे हैं। कहते हैं कि "भगवान की मर्जी"। खुद की कमी दूर करने का प्रयास हम करें, और भगवान पर दोष न डालें। यह बात मैं स्वयं के लिए ही नहीं कह रहा, सभी के लिए कह रहा हूँ।
मोक्षमार्ग ---
मोक्षमार्ग ---
Friday, 4 April 2025
परमात्मा से जीवात्मा को, यानि परमात्मा से हमें कौन जोड़ कर रखता है? यह ब्रह्मांड टूट कर बिखरता क्यों नहीं है?
परमात्मा से जीवात्मा को, यानि परमात्मा से हमें कौन जोड़ कर रखता है? यह ब्रह्मांड टूट कर बिखरता क्यों नहीं है? किस शक्ति ने ब्रह्मांड को जोड़ कर सुव्यवस्थित रूप से धारण कर रखा है? .
तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!
Thursday, 3 April 2025
शुक्राचार्य द्वारा आराधित असाध्य रोग,अकाल मृत्यु निवारक ।। मृतसंजीवनीमंत्र।।
शुक्राचार्य द्वारा आराधित असाध्य रोग,अकाल मृत्यु निवारक ।। मृतसंजीवनीमंत्र।।
.
ॐहौं ॐजूं ॐ स: ॐभू: ॐभुव: ॐस्व: ॐमह: ॐजनः ॐ तपः ॐ सत्यं
ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं
त्र्यबकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्धनम्
भर्गोदेवस्य धीमहि उर्वारुकमिव बंधनान्
धियो योन: प्रचोदयात् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐसत्यं ॐतपः ॐजन: ॐ मह: ॐस्व: ॐभुव: ॐभू: ॐ स: ॐजूं ॐहौं ॐ।।
.
इस मंत्र का अर्थ है : हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं... उनसे हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए... जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेल-रूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं, तथा आपके चरणों की अमृतधारा का पान करते हुए शरीर को त्यागकर आप ही में लीन हो जाएं.
इस मंत्र के जप से असाध्य रोग कैंसर, क्षय, टाइफाइड, हैपेटाइटिस बी, गुर्दे, पक्षाघात, ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारियों को दूर करने में भी मदद मिलती है। इस मंत्र का प्रतिदिन विशेषकर सोमवार को 101 जप करने से सामान्य व्याधियों के साथ ही मानसिक रोग, डिप्रैशन व तनाव आदि दूर किए जा सकते हैं।
तेज बुखार से शांति पाने के लिये औंगा की समिधाओं द्वारा पकाई गई दूध की खीर से हवन करवाना चाहिए। मृत्यु-भय व अकाल मृत्यु निवारण के लिए हवन में दही का प्रयोग करना चाहिए।
इतना ही नहीं मृत्युंजय जप व हवन से शनि की साढ़ेसाती, वैधव्य दोष, नाड़ी दोष, राजदंड, अवसादग्रस्त मानसिक स्थिति, चिंता व चिंता से उपजी व्यथा को कम किया जा सकता है। भयंकर बीमारियों के लिए मृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जप व उसका दशमांश का हवन करवाना उत्तम रहता है।
सारी सृष्टि सारा ब्रह्मांड -- मेरा शरीर है, सारे प्राणी मेरा परिवार हैं ---
हम भगवान की ओर अग्रसर हैं या नहीं?
हम भगवान की ओर अग्रसर हैं या नहीं? इस पर विचार करते हैं। मैं बहुत गंभीरता से यह लिख रहा हूँ। नीचे लिखा हरेक शब्द अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
भगवान "श्री स्वर्णाकर्षण भैरव" जी का मंदिर
भगवान "श्री स्वर्णाकर्षण भैरव" जी का मंदिर
Wednesday, 2 April 2025
ब्रह्म एक है, तो अपने संकल्प से अनेक कैसे हुआ? जीवात्मा, परमात्मा से भिन्न कैसे किस विधि से हुआ?
(प्रश्न) ब्रह्म एक है, तो अपने संकल्प से अनेक कैसे हुआ? जीवात्मा, परमात्मा से भिन्न कैसे किस विधि से हुआ?
Tuesday, 1 April 2025
समस्त नवविवाहिता व कुआंरी कन्याओं को गणगौर पर्व की शुभ कामनाएँ|
समस्त नवविवाहिता व कुआंरी कन्याओं को गणगौर पर्व की शुभ कामनाएँ|
"रामनवमी" पर सभी का अभिनंदन, बधाई व शुभ कामनायें.
"रामनवमी" पर सभी का अभिनंदन, बधाई व शुभ कामनायें.
हम लोग पश्चिमी प्रचार-तंत्र से प्रभावित हैं ---
हम लोग पश्चिमी प्रचार-तंत्र से प्रभावित हैं। भारत की बिकी हुई टीवी समाचार मीडिया वही समाचार दिखा रही है, जैसा उसको अमेरिकी गुप्तचर संस्था CIA द्वारा निर्देशित किया जा रहा है। दो दिन पहले ही रूस ने घोषणा कर दी थी कि युद्ध का उसका पहला लक्ष्य पूरा हो गया है। अब दूसरा लक्ष्य भी वे शीघ्र ही प्राप्त कर लेंगे। कुछ महत्वपूर्ण बाते हैं ---
हमारा यह शरीर ही नहीं, यह समस्त सृष्टि --- ऊर्जा व प्राण का घनीभूत स्पंदन और प्रवाह है ---
मनसा, वाचा, कर्मणा मैंने कभी किसी का कोई अहित किया हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ ---
इस समय पूरे विश्व में ज्ञात-अज्ञात रूप से अच्छा-बुरा बहुत कुछ हो रहा है, और बहुत कुछ होने वाला है ---
जीसस क्राइस्ट एक काल्पनिक चरित्र हैं, जिनको सेंट पॉल नाम के एक पादरी ने परियोजित किया। जीसस क्राइस्ट की कल्पना सेंट पॉल के दिमाग की उपज थी जो बाद में एक सामाजिक/राजनीतिक व्यवस्था बन गयी
(निम्न पोस्ट मैंने अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए लिखी है, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं। सनातन धर्म पर सब आघात करते हैं, व इसे नष्ट करना चाहते हैं। अपने धर्म की रक्षा मेरा दायित्व है। किसी को मेरी पोस्ट अच्छी लगे तो कॉपी/पेस्ट कर के रख लें)।