इंडोनेशिया का अम्बोन (Ambon) द्वीप ........
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मसालों में हम जायफल और जावित्री का जो उपयोग करते हैं वे इंडोनेशिया के अम्बोन द्वीप से आते हैं| वहाँ और भी अनेक मसाले प्रचूरता में होते हैं जिनके लिए यह और आसपास के कुछ अन्य द्वीप बहुत प्रसिद्ध हैं, पर पूरे विश्व में जायफल और जावित्री का सर्वाधिक उत्पादन अम्बोन द्वीप पर ही होता है|
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इस द्वीप के स्वामित्व के लिए साम्राज्यवादी शक्तियों में अनेक संघर्ष और युद्ध हुए हैं| सबका एक ही लक्ष्य था .... मसालों की लूट| द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने इस द्वीप पर अपना अधिकार कर लिया था| अब तो यह इण्डोनेशिया के मालुकू द्वीपसमूह का एक हरा-भरा और उपजाऊ द्वीप है|
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जायफल और जावित्री ये दोनों एक ही वृक्ष पर होते हैं| मुख्य फल तो जायफल होता है, और उसके चारों ओर एक गहरे लाल रंग का जाल सा होता है, वह जावित्री होता है| दोनों की तासीर अलग अलग होती है|
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इससे कुछ कुछ मिलती जुलती जलवायु भारत के निकोबार द्वीप समूह में भी है जहाँ अब मसालों की खेती को वैज्ञानिक ढंग से विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है| पर अब भी हमें अधिकाँश मसालों का आयात ही करना ही पड़ता है|
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लौंग की बेल को सुपारी के वृक्ष पर चढ़ा कर लौंग उगाई जाती है| भारत में जो लौंग हमें मिलती है वह जन्जीवार से आयातित की हुई हल्की गुणवत्ता की होती है| श्रीलंका में सबसे अच्छी गुणवत्ता की लौंग होती है पर वह भारत आ ही नहीं पाती है|
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पहले ताड़ का खाद्य तेल (Palm oil) मलयेशिया से आयातित किया जाता था| पर अब तो भारत में ही इसका उत्पादन होने लगा है| भारत में निकोबार के कुछ द्वीपों में खूब ताड़ के वृक्ष लगाए गए हैं जो भारत में आवश्यक Palm oil को बनाने में पर्याप्त हैं|
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मसालों की खेती यदि वैज्ञानिक पद्धति से की जाए तो बहुत लाभदायक है|
०३ नवम्बर २०१७
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मसालों में हम जायफल और जावित्री का जो उपयोग करते हैं वे इंडोनेशिया के अम्बोन द्वीप से आते हैं| वहाँ और भी अनेक मसाले प्रचूरता में होते हैं जिनके लिए यह और आसपास के कुछ अन्य द्वीप बहुत प्रसिद्ध हैं, पर पूरे विश्व में जायफल और जावित्री का सर्वाधिक उत्पादन अम्बोन द्वीप पर ही होता है|
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इस द्वीप के स्वामित्व के लिए साम्राज्यवादी शक्तियों में अनेक संघर्ष और युद्ध हुए हैं| सबका एक ही लक्ष्य था .... मसालों की लूट| द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने इस द्वीप पर अपना अधिकार कर लिया था| अब तो यह इण्डोनेशिया के मालुकू द्वीपसमूह का एक हरा-भरा और उपजाऊ द्वीप है|
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जायफल और जावित्री ये दोनों एक ही वृक्ष पर होते हैं| मुख्य फल तो जायफल होता है, और उसके चारों ओर एक गहरे लाल रंग का जाल सा होता है, वह जावित्री होता है| दोनों की तासीर अलग अलग होती है|
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इससे कुछ कुछ मिलती जुलती जलवायु भारत के निकोबार द्वीप समूह में भी है जहाँ अब मसालों की खेती को वैज्ञानिक ढंग से विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है| पर अब भी हमें अधिकाँश मसालों का आयात ही करना ही पड़ता है|
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लौंग की बेल को सुपारी के वृक्ष पर चढ़ा कर लौंग उगाई जाती है| भारत में जो लौंग हमें मिलती है वह जन्जीवार से आयातित की हुई हल्की गुणवत्ता की होती है| श्रीलंका में सबसे अच्छी गुणवत्ता की लौंग होती है पर वह भारत आ ही नहीं पाती है|
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पहले ताड़ का खाद्य तेल (Palm oil) मलयेशिया से आयातित किया जाता था| पर अब तो भारत में ही इसका उत्पादन होने लगा है| भारत में निकोबार के कुछ द्वीपों में खूब ताड़ के वृक्ष लगाए गए हैं जो भारत में आवश्यक Palm oil को बनाने में पर्याप्त हैं|
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मसालों की खेती यदि वैज्ञानिक पद्धति से की जाए तो बहुत लाभदायक है|
०३ नवम्बर २०१७
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