Friday, 20 June 2025

अपने अहंभाव का परमात्मा में पूर्ण विसर्जन ही योग है। आज अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस है। सभी को मंगलमय शुभ कामनाएँ ---

 अपने अहंभाव का परमात्मा में पूर्ण विसर्जन ही योग है।

आज अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस है। सभी को मंगलमय शुभ कामनाएँ ---
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आज अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस है। इसके लिए प्रधानामंत्री श्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं। उन्हीं के प्रयासों से पूरे विश्व में आज अंतर्राष्ट्रीय योग-दिवस मनाया जा रहा है। योग के नाम पर वर्तमान में जो सिखाया जा रहा है है वह हठयोग है। पूरा हठयोग नाथ-संप्रदाय की देन है। इसके उपलब्ध तीन मूल ग्रंथ हैं -- शिव-संहिता, हठयोग-प्रदीपिका, और घेरण्ड-संहिता। हजारों पुस्तकें इन पर लिखी गई हैं। इनके अतिरिक्त और भी कोई ग्रंथ हैं तो मुझे उनका ज्ञान नहीं है। बाबा रामदेव जो हठयोग सिखाते हैं वह सब घेरण्ड-संहिता का ज्ञान है, लेकिन वे श्रेय पातंजलि को देते हैं। पातंजलि ने कहीं भी हठयोग नहीं सिखाया है।
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योग में आध्यात्म भी हैं, तंत्र भी है और हठयोग भी है। योग-साधना का आरंभ कृष्ण-यजुर्वेद से हैं। श्वेताश्वतरोपनिषद का स्वाध्याय उन सब को करना चाहिए जो योगी बनना चाहते हैं। अन्य भी ज्ञात-अज्ञात अनेक उपनिषद हैं, जिनमें योगिक साधनाओं के बारे में विस्तार से वर्णन है। मेरे लिए तो श्रीमद्भगवद्गीता ही योग का सर्वोच्च ग्रंथ है।
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तंत्र के अनुसार कुंडलिनी महाशक्ति का परमशिव से मिलन ही योग है। यह अनुभूति का विषय है, बुद्धि का नहीं। बिना ब्रह्मचर्य के कोई सिद्ध योगी नहीं हो सकता। खेचरी-मुद्रा की सिद्धि से योग-साधना बड़ी सुगम हो जाती है। खेचरी का दूसरा पक्ष है -- आकाश में विचरण॥ साधना के समय जीभ को ऊपर की ओर मोड़कर तालु से सटाकर रखने का भी अभ्यास करें।
क्रिया-योग की साधना में आध्यात्म भी है, तंत्र भी है और हठयोग भी है। तंत्र की दस महाविद्याओं में श्रीविद्या की साधना भी कुंडलिनी जागरण है। यह एक मोक्षदायिनी विद्या है लेकिन इसका दुरुपयोग अधिक हो रहा है।
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सर्वदा निरंतर परमात्मा का चिंतन करो। हर समय भगवान को अपनी स्मृति में रखो। सबसे बड़ी आवश्यकता भगवान की भक्ति है जिसके बिना कोई योगी नहीं हो सकता। जिनके एक भृकुटी विलास मात्र से हज़ारों करोड़ ब्रह्मांडों की सृष्टि, स्थिति और विनाश हो सकता है, वे जब ह्रदय में होंगे तो क्या संभव नहीं है।
आप सब को मंगलमय शुभ कामना। भगवान की परम कृपा सभी पर हो।
ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२१ जून २०२४

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