चित्त की वृत्तियाँ क्या होती हैं? इसे समझ कर ही साधना मार्ग पर आगे बढ़ें। हमारे चित्त में बारबार जो अधोगामी वासनात्मक विचार उठते हैं, वे ही चित्त की वृत्तियाँ हैं। वासनाएँ बहुत सूक्ष्म होती हैं, जो संकल्प शक्ति से नियंत्रित नहीं होतीं। उसके लिए किसी श्रौत्रीय ब्रहमनिष्ठ सद्गुरु के मार्गदर्शन में ईश्वर की उपासना करनी पड़ती है।
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