Saturday, 10 May 2025

सनातन धर्म किसी को क्या दे सकता है?

 सनातन धर्म किसी को क्या दे सकता है?

.
किसी को निःशुल्क चावल की बोरियाँ, मंहगी शराब, खूब भोग-विलास और यौन वासनाओं की असीम तृप्ति के लिए अनेक सुंदर युवतियाँ/युवक चाहिएँ, वे कहीं भी जाएँ, सनातन धर्म उनके लिए नहीं है।
.
सनातन धर्म सिर्फ उनके लिए है जिन्हें जीवन में -- अभ्युदय (सर्वतोमुखी विकास, इष्ट लाभ, मनोरथ की सिद्धि, कल्याण) और -- निःश्रेयस (कष्टों/दुःखों से मुक्ति, मंगल और मोक्ष) चाहिए। मनुस्मृति में धर्म के दस लक्षण दिए हैं, जिन्हें धारण करना धर्म है।
सनातन धर्म है परमात्मा से परमप्रेम और परमात्मा को पाने की अभीप्सा।
धर्म के सूक्ष्म तत्वों को महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में बहुत सरल भाषा में समझाया गया है। ये ग्रंथ समझ में आने वाली भाषा में बाल्यावस्था/किशोरावस्था से ही बालक/बालिकाओं को उपलब्ध करवाने चाहियें।
.
उपनिषदों में धर्म का ज्ञान भरा पड़ा है। जहाँ झूठ, कपट और छल है, वहाँ धर्म नहीं है। जहाँ धर्म नहीं है, वहाँ परमात्मा नहीं है। सनातन धर्म परमात्मा की खोज है।
सनातन धर्म कहता है कि मनुष्य एक शाश्वत आत्मा है, और अपने कर्मफलों को भोगने के लिए बार बार जन्म लेता है। यह संसार द्वन्द्वात्मक है, जहाँ सुख और दुःख दोनों मिले हुए हैं। सुखों की खोज दुःखों को जन्म देती है। अनेक जन्मों में अनेक योनियों में भटकता हुआ प्राणी फिर दुःखी होकर परमात्मा की ओर उन्मुख होता है। यहीं से जीवन में भक्ति का प्रादुर्भाव होता है। संक्षेप में यही सत्य सनातन धर्म है।
जहाँ धर्म है, वहीं जय है।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
११ मई २०२३

No comments:

Post a Comment