Sunday, 1 June 2025

सर्वश्रेष्ठ गुरु-दक्षिणा क्या हो सकती है?

 सर्वश्रेष्ठ गुरु-दक्षिणा क्या हो सकती है? 


तत्व रूप में गुरु -- सब नाम-रूपों से परे हैं। वे एक अनुभूति हैं, परम ज्योतिर्मय कूटस्थ अक्षर परब्रह्म हैं। वे सब प्रकार के अन्धकार का नाश करते हैं। वे ही इस देहरूपी नौका के कर्णधार हैं।
सहस्त्रार में उनका निरंतर ध्यान ही सर्वश्रेष्ठ गुरु-दक्षिणा है।
सहस्त्रार में उनकी चेतना में निरंतर बने रहना ही गुरु-चरणों में आश्रय है।
गुरु ॐ ! गुरु ॐ ! गुरु ॐ ! गुरु ॐ ! गुरु ॐ ! गुरु ॐ !
जून २०१७

No comments:

Post a Comment