जैसे जैसे हमारी आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है, वैसे वैसे असत्य का अंधकार भी हमारी चेतना से दूर होता जाता है। हमारे पतन का कारण -- हमारे जीवन में तमोगुण का होना है। चेतना के उत्थान का एकमात्र मार्ग -- अनंत ज्योतिर्मय परमात्मा (ब्रह्म) का ध्यान है। श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय, और सच्चिदानंद परमात्मा का ध्यान करें, यही कल्याण का मार्ग है।
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