Saturday, 21 June 2025

वह परिवर्तन हम स्वयं हैं जो विश्व में होते हुए देखना चाहते हैं ---

 वह परिवर्तन हम स्वयं हैं जो विश्व में होते हुए देखना चाहते हैं ---

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नित्य नियमित परमात्मा का ध्यान करें, सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा। स्वयं में परिवर्तन प्रत्येक व्यक्ति को करना होगा। अन्धकार का सकारात्मक प्रतिकार निरंतर होना चाहिये। कोई भी योजना या संकल्प तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक हम स्वयं ध्यान साधना न करें। पूरे विश्व में उथल-पुथल हो जाये, या सारा ब्रह्मांड टूट कर बिखर जाये, हमारे ह्रदय में शान्ति बनी रहनी चाहिये। यह शांति ध्यान-साधना द्वारा ही संभव है। जीवन की सारी समस्याओं का समाधान ध्यान साधना द्वारा ही संभव है। ध्यान साधना में जागृत परमात्मा की शक्ति ही सृष्टि की धारा को बदलने में पूर्णतः सक्षम है।
ॐ तत्सत्। ॐ शिव। ॐ ॐ ॐ॥
कृपा शंकर
२२ जून २०१७

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