Thursday, 22 May 2025

मनुष्य जीवन की एकमात्र समस्या और समाधान ..... .

मनुष्य जीवन की एकमात्र समस्या और समाधान .....

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मनुष्य जीवन की प्रथम, अंतिम और एकमात्र समस्या है .... ईश्वर की प्राप्ति, और एकमात्र समाधान भी है .... ईश्वर की प्राप्ति| यह सृष्टि परमात्मा की रचना है जिसे चलाने में वह सक्षम है| उसे हमारे सुझावों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम स्वयं भी उसी की रचना हैं| हरेक कार्य विधिवत रूप से कुछ नियमों के अंतर्गत होता है, जिन्हें न जानना ही हमारी अज्ञानता है| किसी नियम का उल्लंघन करने पर दंड तो हमें भुगतना ही पड़ता है| हमारा यह तर्क स्वीकार्य नहीं हो सकता कि हमें नियमों का ज्ञान नहीं था| कहीं न कहीं किसी आध्यात्मिक नियम का उल्लंघन करने से कष्ट और पीड़ा का सामना करना ही पड़ता है| यहीं से सभी तथाकथित समस्याएँ उत्पन्न होती हैं|
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वास्तव में ये सब समस्याएँ हमारी नहीं बल्कि सृष्टिकर्ता परमात्मा की हैं| वही तो सब कुछ कर रहा है| जब हम कुछ करेंगे ही नहीं तो हम कैसे उत्तरदायी हो सकते हैं? हम ने तो कहा नहीं था कि हमें पृथक जीवन दो| जिसने यह जीवन दिया है और जो सब कुछ कर रहा है वही अपने कर्मफलों का भोगी है, हम नहीं| हम अहंकारवश स्वयं को कर्ता बना देते हैं बस यहीं से सब दु:ख, कष्ट और पीड़ाएँ आरम्भ होती हैं| कर्ता भी वह है और भोक्ता भी वह ही है|
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अपना ध्यान निरंतर कूटस्थ पर रखो और परमात्मा के उपकरण बन जाओ| वह जब इस अनंत अन्धकार से घिरे घोर भवसागर में हमारा ध्रुव तारा ही नहीं, कर्णधार भी बन जाएगा तब हम भटकेंगे नहीं| प्रकृति की प्रत्येक शक्ति हमारे अनुकूल बन जायेगी| बस उसे और सिर्फ उसे अपनी जीवन नौका का कर्णधार बना लो|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ मई २०१३

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