भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बैठे, व सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा और वैश्वीकरण हो| हमें न तोअपने अहंकार को तृप्त करने के लिए कोई आधिभौतिक उपलब्धि चाहिए, न ही हमें किसी व्यक्ति को प्रभावित कर उस से वाहवाही लूटनी है चाहे वह संसार की दृष्टि में कितना भी बड़ा व्यक्ति हो|
.
वर्तमान युग में मनुष्य की सोच और उसका चिंतन इतना अधिक गिर गया है कि वह सिर्फ दूसरों की या तो हँसी ही उड़ा सकता है, या विरोध और बदनाम ही कर सकता है| किसी से भलाई की उम्मीद नहीं रही है|
.
हमारा लक्ष्य भारत को एक आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र बनाना है जहाँ की राजनीति सनातन धर्म हो| आध्यात्मिक उपासना/साधना से दैवीय शक्तियों को जागृत कर उन्हीं की सहायता लेंगे| किसी मनुष्य से कोई अपेक्षा और आशा नहीं है| सारी प्रेरणा और शक्ति प्रत्यक्ष परमात्मा से ही लेंगे| पूर्वजन्मों के गुरु आशीर्वाद दे रहे हैं, वही पर्याप्त है|
हरिः ॐ तत्सत् !!
३१ मई २०२०
No comments:
Post a Comment