वैशाख शुक्ल ५ तदनुसार ३० अप्रेल २०१७ को आद्य शंकराचार्य जयंती पर मैं कांची कामकोटी पीठम् की जोधपुर शाखा में स्वामी मृगेंद्र सरस्वती जी का मेहमान था| वहाँ सभी से मुझे जो प्रेम और मान-सम्मान मिला उसके लिए मैं पूज्यपाद स्वामी जी और उनसे जुड़ी सभी दिव्यात्माओं का ह्रदय से आभारी हूँ|
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उस दिन वहाँ संपन्न हुए सभी धार्मिक कार्यक्रम भव्यतम थे जिनकी मैं अब कल्पना मात्र ही कर सकता हूँ| पूज्य स्वामी जी स्वयं साक्षात् शिव स्वरुप हैं और उनसे जुड़ी सभी आत्माएँ दिव्यतम हैं|
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जोधपुर के हरीश्चन्द्रेन्द्र यति, इंदौर से आये डा.सुमित शुक्ल, डा.सुधि शुक्ल, सागर से आये श्री नितिन शुक्ल, बलिया से आये डा.अश्विनी मिश्र, जोधपुर और आसपास से आये स्वामीजी के अनेक शिष्यों से पुनः मिलना एक सुखद अनुभव था| जोधपुर के प.अभिषेक जोशी जी से दूर का परिचय तो कई वर्षों से था पर मिलना पहली बार ही हुआ|
पिछली दो शिवरात्रियाँ स्वामीजी के सान्निध्य में उनके आशीर्वाद से मनाई हैं और गत सिंहस्थ कुम्भ में भी उन की कृपा से उनका सत्संग लाभ खूब मिला है|
व्यवहारिक वेदान्त की अनुभूतियाँ उनके सानिध्य में खूब होती हैं| यही उनके आध्यात्मिक चुम्बकत्व का आकर्षण है|
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आराध्य देव भगवान परमशिव को नमन जो सदा मेरे कूटस्थ में बिराजमान हैं, और आप सब के रूप में साकार हैं | ॐ नमः शिवाय ! ॐ ॐ ॐ ||
१ मई २०१७
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