हम व्यवहार में हिन्दू बनें, हिंदु समाज में कोई किसी भी तरह की कमी नहीं है। हम उच्च कोटि का अच्छा मौलिक साहित्य पढ़ें (विदेशी लेखकों का नहीं), नित्य नियमित व्यायाम करें, अच्छा आहार लें और तनावमुक्त जीवन जीयें। प्रातः-सायं परमात्मा का ध्यान करें, किसी भी तरह का नशा न करें, और हर दृष्टि से शक्तिशाली बनें। हिन्दू समाज अपनी हीनता के बोध से ऊपर उठें। भारत का हिन्दू समाज निश्चित रूप से अपने गौरवशाली परम वैभव को प्राप्त होगा|
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
२९ अप्रेल २०२१
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