हमारी कोई भी बुराई हो, वह निज प्रयासों से कभी दूर नहीं होती, चाहे कितना भी हम प्रयास करें| इसके लिए भगवान का अनुग्रह चाहिए| वे तो इन सब से ऊपर उठने का उपदेश देते हैं, और मार्ग भी बताते हैं| सारी बुराइयाँ और अच्छाइयाँ हमारे अवचेतन मन में अनेक जन्मों के संस्कारों के रूप में छिपी होती हैं जो अवसर मिलते ही प्रकट हो जाती हैं| भगवान की परम कृपा का पात्र हमें बनना होगा जिसके लिए चाहिए ..... परमप्रेम, अभीप्सा और समर्पण|
ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१६ अप्रेल २०२०
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