मैं मेरे प्रभु के साथ एक हूँ। चाहे सारा ब्रह्मांड टूट कर बिखर जाये, वे मुझे अपने साथ ही रखेंगे, कभी मेरा साथ नहीं छोड़ेंगे। मेरे विगत सारे पाप-पुण्य, उन्होनें अपने ऊपर ले लिए हैं, और मुझे अपने हृदय में स्थान दे दिया है, जहाँ कोई पाप-पुण्य और कर्मफल अब मेरा स्पर्श भी नहीं कर सकते। कोई भी रोग, शोक, दोष, दुःख, और पीड़ा, मेरे आसपास भी नहीं आ सकतीं। किसी भी रोग के विषैले जीवाणु मेरे समक्ष आने से पूर्व ही नष्ट हो जाते हैं, वे मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते। जब भगवान स्वयं मेरी रक्षा कर रहे हैं, तो अन्य कोई सहारा नहीं चाहिए। यमराज भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जब समय आयेगा तब यह शरीर नष्ट हो जाएगा, और तुरंत दूसरा मिल जाएगा। मैं अजर, अमर, शाश्वत आत्मा हूँ, जो अपने पारब्रह्म परमात्मा परमशिव के साथ एक है।
ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२६ अप्रेल २०२१
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