मेरे जैसे लोग जो कभी साहस नहीं जुटा पाये, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। वे अपनी अभीप्सा को बनाये रखें। उन्हें फिर अवसर मिलेगा। आध्यात्मिक यात्रा उन साहसी वीर पथिकों के लिए है जो अपना सब कुछ दांव पर लगा सकते हैं। लाभ-हानि की गणना करने वाले और कर्तव्य-अकर्तव्य की ऊहापोह में खोये रहने वाले कापुरुष इस मार्ग पर नहीं चल सकते। यह उन वीरों का मार्ग है जो अपनी इन्द्रियों पर विजय पा सकते हैं, और अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक परिस्थितियों से कोई समझौता नहीं करते। मैं ऐसे बहुत लोगों को जानता हूँ जो बहुत भले सज्जन हैं, उनमें भगवान को पाने की अभीप्सा भी है, लेकिन घर-परिवार के लोगों की नकारात्मक सोच, गलत माँ-बाप के यहाँ जन्म, गलत पारिवारिक संस्कार और गलत वातावरण -- उन्हें कोई साधन-भजन नहीं करने देता। घर-परिवार के मोह के कारण ऐसे जिज्ञासु जीवन में कुछ उपलब्ध नहीं कर पाते। इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में निश्चित ही उन्हें आध्यात्मिक प्रगति का अवसर मिलेगा।
No comments:
Post a Comment